TOP GUIDELINES OF SIDH KUNJIKA

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देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्

हुं हुं हुङ्काररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी ।

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे।

यस्तु कुञ्जिकया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत् ।

ऐं-कारी सृष्टि-रूपायै, ह्रींकारी प्रतिपालिका।

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः

शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।

श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

Swamiji claims, “A powerful motivation is a thing that tends to make us get up and to the fullest potential assert ourselves to the furtherance of the intention. The key should be to deal with the mantras.”

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं. धन लाभ, विद्या अर्जन, शत्रु पर विजय, नौकरी में पदोन्नति, अच्छी सेहत, click here कर्ज से मुक्ति, यश-बल में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ण होती है.

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